shiv chalisa lyrics in english with meaning - An Overview
shiv chalisa lyrics in english with meaning - An Overview
Blog Article
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
राधा चालीसा - जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।
जय हनुमान ज्ञान गुन get more info सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
अस्तुति चालीसा शिविही, सम्पूर्ण कीन कल्याण ॥
शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।
अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
काम की बात श्रीराम शलाका मध्यप्रदेश एक्सप्लेनर क्राइम रामायण महाभारत फनी जोक्स चुटकुले